रूस और यूक्रेन के युद्ध के चलते crypto मार्केट में आज फिर दिखा उतार-चढ़ाव

Dogecoin में 2.42% गिरावट आई है और वर्तमान में भारत में डॉजकॉइन की कीमत (Dogecoin Price in India) 9.92 रुपये है।



रूस और यूक्रेन के युद्ध (Russia Ukraine War) के चलते क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें भी उतार-चढ़ाव का सामना कर रही हैं। आज क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में अलग-अलग क्रिप्टो कॉइन्स की कीमतों में इसका मिला-जुला असर दिखा। जहां कुछ पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी (Popular cryptocurrency) के ट्रेड की शुरूआत गिरावट के साथ हुई तो कुछ डिजिटल टोकनों की कीमतों में इजाफा देखा गया। बात दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की करें तो इसकी ट्रेडिंग की शुरुआत 1.52%  की गिरावट के साथ हुई। हालांकि बाद में इसमें 1.04 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। खबर लिखने के समय तक, भारतीय एक्सचेंज CoinSwitch Kuber पर बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin price in India today) $40,836.23 (लगभग 30 लाख 65 हजार रुपये) थी। इस बीच, ग्लोबल एक्सचेंज्स पर बिटकॉइन की कीमत (Global Price of Bitcoin) 0.07% की गिरावट के साथ $38,033 (लगभग 28.5 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रही थी। 

बिटकॉइन के ट्रेंड को ईथर भी फॉलो करता नजर आया। इथेरियम ब्लॉकचेन आधारित ईथर की कीमत में 2.37 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। लेकिन बाद में इसकी कीमत में 0.77 प्रतिशत का इजाफा देखा गया। मार्केट कैप के हिसाब ये दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। खबर लिखने के समय तक, CoinSwitch Kuber पर ईथर की कीमत (Ether price in India today) $2,878 (लगभग 2.16 लाख रुपये) थी, जबकि ग्लोबल एक्सचेंज्स पर इसकी कीमत (Global Price of Ether) $2,739 पर चल रही थी। 

Gadgets 360 के क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर अनुसार, आज अधिकतर पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी लाल रंग में दिखाई दे रही हैं। Cardano, Solana, Ripple, Polkadot, Avalanche आदि सभी में गिरावट देखी गई है और खबर लिखने के समय तक इनमें से ज्यादार हरे रंग में आ चुकी थीं। Tether, USD Coin, Terra ऐसे टोकन रहे जिनमें मामूली बढ़त देखी गई। 

मीम बेस्ड क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें भी आज लाल रंग में ही दिखीं। मीम कॉइन Shibu inuऔर Dogecoin दोनों में ही गिरावट देखी गई। Dogecoin में 2.42% गिरावट आई है और वर्तमान में भारत में डॉजकॉइन की कीमत (Dogecoin Price in India) 9.92 रुपये है। वहीं, Shiba Inu में 4.07 प्रतिशत की गिरावट आई और वर्तमान में भारत में शिबा इनु की कीमत (Shiba Inu Price in India) 0.001907 रुपये है।


नवंबर के बाद 50% टूटा बिटक्वाइन का दाम
गौरतलब है सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत नवंबर 2021 में 69,000 डॉलर (51.28 लाख रुपये) के अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थी। लेकिन इसके बाद से ही इसकी कीमत में अब तक 27,000 डॉलर (करीब 20 लाख रुपये) या करीब 40 पर्सेंट की गिरावट आ चुकी है। सिर्फ बीती 7 जनवरी को बिटक्वाइन के दाम 4.9 प्रतिशत तक गिरकर 41,008 डॉलर (30.48 लाख रुपये) तक पहुंच गए थे। साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश हुआ और नए साल में भी क्रिप्टो बाजार में रौनक बरकरार रहने की उम्मीद है। 

इस साल जोरदार उछाल की उम्मीद
विश्लेषकों ने पहले अनुमान लगाया था कि 2021 के अंत में बिटक्वाइन दोबारा 48,00,000 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है, जिसे इस पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी ने पार कर लिया था। इसके साथ ही आने वाले समय में विश्लेषकों ने इसके 98000 डॉलर (73,50,000 रुपये) के स्तर को छूने का अनुमान लगाया है। 2022 के लिए तो क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि यह दोबारा रिकॉर्ड तोड़कर एक लाख डॉलर यानी करीब 75 लाख रुपये पर पहुंच जाएगा। वहीं साल के अंत तक इसकी कीमत 1,35,000 डॉलर (1,01,25,000 रुपये) तक पहुंचने की संभावना जताई गई है।

क्रिप्टोकरेंसी में सबसे मूल्यवान है बिटक्वाइन 
क्रिप्टोकरेंसी आभाषी करेंसी है यानी आप इसे देख नहीं सकते। आसान शब्दों में कहें तो आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है। वर्तमान में विश्व में बिटक्वान के साथ ही कई तरह की वर्चुअल करेंसी मौजूद हैं। मगर इनमें से बिटक्वाइन का मूल्य सबसे अधिक है।पिछले कुछ समय से निवेशकों का आकर्षण बिटक्वाइन की ओर तेजी से बढ़ा है। बिटक्वाइन ने निवेशकों को जोरदार रिटर्न भी दिया है। 

कब हुई थी बिटक्वाइन की शुरुआत?
इस डिजिटल करेंसी को सामने लाने का श्रेय सतोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति को जाता है। लोग मानते हैं कि साल 2009 में सतोशी नाकामोतो नामक समूह ने पहली बार बिटक्वाइन को दुनिया के सामने पेश किया था। हालांकि, ये कौन हैं और कहां हैं यह सवाल आज भी एक रहस्य बना हुआ है। इसकी शुरुआत 2009 में हुई और देखते ही देखते ये अब बहुत अधिक लोकप्रियता हासिल कर चुकी है। गौरतलब है कि इस करेंसी पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है। इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।  

क्रिप्टो के कारोबार में जोखिम भी कम नहीं
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए इसका कारोबार भी बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी 2021 में बिटक्वाइन का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया था और फिर ये 30,000 डॉलर तक गिर गया। एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था। बिटक्वाइन के लिए आपके पास एक एप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटक्वाइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।

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